ज्योतिष और खगोल विज्ञान, दोनों ही विशाल ब्रह्माण्ड के अध्ययन में विभिन्न पहलुओं को छूने के प्रयास करते हैं, लेकिन उनके दृष्टिकोण और महत्व में बड़ा अंतर है।
खगोल विज्ञान:
खगोल विज्ञान या खगोलशास्त्र वह विज्ञान है जो सूर्य, चंद्रमा, ग्रह, नक्षत्र, गैलेक्सीयों और अन्य खगोलीय वस्तुओं का अध्ययन करता है। यह विज्ञान वैज्ञानिक अध्ययन पर आधारित है और प्रमाणित तथ्यों के आधार पर खगोलीय घटनाओं का विश्लेषण करता है। खगोल विज्ञानी ग्रहों और नक्षत्रों की गति, उनके संरचना और विशेषताओं का अध्ययन करते हैं और यह जानने का प्रयास करते हैं कि ब्रह्माण्ड कैसे कार्य करता है।
ज्योतिष:
ज्योतिष एक प्राचीन विज्ञान है जिसमें माना जाता है कि ग्रहों, नक्षत्रों और उनके स्थानों का मानव के जीवन और भविष्य पर प्रभाव होता है। इसे धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के आधार पर माना जाता है और यह भी कहा जाता है कि ज्योतिष विशेष ग्रहों और नक्षत्रों के स्थानों के आधार पर भविष्य की पूर्वानुमान कर सकता है। ज्योतिष अनुभव, परंपरा और भविष्य की पूर्वानुमान करने की एक विशिष्ट तकनीक के माध्यम से काम करता है।
अंतर:
खगोल विज्ञान वैज्ञानिक अध्ययन के प्रत्याशी और प्रमाणित तथ्यों पर आधारित है, जबकि ज्योतिष धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं पर निर्भर करता है। खगोल विज्ञान वैज्ञानिक प्रक्रियाओं का पालन करता है, जबकि ज्योतिष एक श्रद्धालु प्राथमिकता रखता है। यद्यपि ये दोनों विज्ञानों के अपने-अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उनके दृष्टिकोण और अध्ययन की परंपरा भिन्न हैं।
इस प्रकार, खगोल विज्ञान और ज्योतिष विश्व को अपनी अलग-अलग प्राकृतिक और मानवीय पहलुओं से समझने का प्रयास करते हैं, जो हमारे ब्रह्माण्डिक और भौतिक स्वरूप को समझने में मदद करते हैं।