भारतीय संस्कृति ने हमेशा से ही ज्योतिष को एक महत्वपूर्ण विज्ञान माना है, जिसमें ग्रहों, नक्षत्रों और उनके संयोगों का अध्ययन किया जाता है। यह विज्ञान न केवल भविष्य की भविष्यवाणी करता है, बल्कि व्यक्ति के व्यक्तित्व, उसके कार्यक्षेत्र और उसकी सामाजिक परिस्थितियों के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्रदान करता है।
आधुनिक ज्योतिष का आधार भारतीय वेदांतिक संस्कृति में रहस्यमय ग्रंथों में दिया गया है, जिनमें ग्रहों और नक्षत्रों के विभिन्न पहलुओं का विवेचन किया गया है। यहां तक कि वेदों में भी ज्योतिष के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का उल्लेख होता है, जो विशेष रूप से ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद में प्रकट होते हैं।
भारतीय विश्वासों में ज्योतिष को एक व्यापक दृष्टिकोण से समझा गया है, जो समय-समय पर बदलते समाज, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ समायोजित हुआ है। आधुनिक ज्योतिष अब विशेषज्ञ ज्योतिषियों द्वारा वैज्ञानिक तथ्यों और गणितीय प्रक्रियाओं पर आधारित होता है, जिससे व्यक्ति के विभिन्न पहलुओं की गहरी समझ हो सके।
इसी तरह से, भारतीय विश्वासों ने ज्योतिष को एक विशेष पहचान दी है जो अपनी समृद्ध धरोहर और प्राचीन ज्ञान के माध्यम से हमें अपने जीवन में समझ, सम्मान और सफलता प्रदान करता है।