भारतीय समाज में त्योहारों और रस्मों का महत्व बहुत उच्च होता है। ये न केवल सामाजिक मेल-जोल का प्रमुख साधन होते हैं, बल्कि वे धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के भी धरोहर हैं। इन त्योहारों और रस्मों में ज्योतिष की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।
भारतीय ज्योतिष विज्ञान विशेष रूप से हिन्दू धर्म में गहरी प्रासंगिकता रखता है। यह विज्ञान ग्रहों, नक्षत्रों, और भविष्यवाणियों पर आधारित है और समय, परिस्थितियों, और व्यक्ति के कर्मों के प्रभाव को बताने का प्रयास करता है। त्योहारों में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व होता है क्योंकि इसके माध्यम से उपयुक्त मुहूर्त और दिनों का चयन किया जाता है।
उदाहरण के लिए, दीवाली का त्योहार ज्योतिष के अनुसार अमावस्या को मनाया जाता है। अमावस्या का चयन ज्योतिष द्वारा किया जाता है क्योंकि इस समय ग्रहों की स्थिति और शक्ति विशेष रूप से प्रभावशाली मानी जाती है। इसी प्रकार, विवाह और अन्य सामाजिक रस्मों में भी ज्योतिष की सलाह ली जाती है ताकि समय के अनुकूल रिश्ते स्थापित किए जा सकें।
इस प्रकार, भारतीय त्योहारों और रस्मों में ज्योतिष की भूमिका एक महत्वपूर्ण और आवश्यक पहलू है जो समाज की एकता, धार्मिकता, और सामूहिक समृद्धि में मदद करता है।