भारतीय पौराणिक कथाओं में ज्योतिष विज्ञान का महत्वपूर्ण स्थान है, विशेष रूप से तारों और नक्षत्रों की कहानियाँ इन कथाओं में व्याप्त हैं। ये कथाएँ हमें न केवल ग्रहों और नक्षत्रों के वैज्ञानिक पहलुओं के बारे में शिक्षा देती हैं, बल्कि ये हमारे समय से पूर्व की सोच और ज्ञान को भी प्रकट करती हैं।
पौराणिक कथाओं में सूर्य, चंद्रमा, बृहस्पति, और अन्य ग्रहों के रहस्यमयी संबंध वर्णित होते हैं। उनकी महत्वपूर्ण भूमिका यह है कि वे हमें सृष्टि के विशालता और अद्वितीयता का अनुभव दिलाती हैं। इन ग्रहों के संयोग और उनकी चाल के आधार पर ही ज्योतिष विज्ञान का विकास हुआ है, जो कि हमें समय के अनुसार बदलते मौसम प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाता है।
इन कथाओं में सूर्य की उपाधि, चंद्रमा के रहस्य, और नक्षत्रों के प्रभाव के विशेष वर्णन से हमें उनके वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व का गहरा अनुभव होता है। ये कथाएँ हमें इस बात की भी सीख देती हैं कि ग्रहों और नक्षत्रों के प्रकारी संयोग का भी कोई वैज्ञानिक आधार है जिससे हम उनके प्रभावों को समझ सकते हैं।
इस प्रकार, भारतीय पौराणिक कथाओं में ज्योतिष विज्ञान की उपयोगिता और महत्व को व्यापक रूप से व्यक्त करते हुए हमें वैज्ञानिक ज्ञान के साथ-साथ पौराणिक संस्कृति का भी अध्ययन करने का अवसर मिलता है।