भारतीय समाज में विवाह एक महत्वपूर्ण सामाजिक संस्कार है जिसमें ज्योतिष का भी महत्वपूर्ण स्थान है, खासकर कुंडली मिलान की प्रक्रिया। विवाह के पहले, पार्टनर्स की कुंडली का मिलान करके उनकी अनुकूलता और संभावित सामंजस्य देखी जाती है। यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की जा सकती है:
ग्रहों का प्रभाव: भारतीय ज्योतिष में माना जाता है कि ग्रहों का एक व्यक्ति के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। कुंडली में ग्रहों के स्थिति, दशाओं और योगों का अध्ययन करके दोनों पार्टनर्स के बीच की संभावित अनुकूलता का मूल्यांकन किया जाता है।
दोष निवारण: कुंडली मिलान के दौरान, दोष या ग्रहों के अनुकूल नहीं होने की स्थिति को देखा जाता है। इसके बाद उपायों या रेमेडीज़ की सलाह दी जाती है जो संभावित समस्याओं को सुलझाने में मदद कर सकती है।
पारिवारिक संबंध: भारतीय परंपरा में, विवाह को परिवारों के बीच एक संगठित और समाजिक बंधन माना जाता है। कुंडली मिलान के माध्यम से परिवारों के बीच संबंधों को भी स्थापित करने में मदद मिलती है।
आत्मिक संबंध: विवाह के लिए अच्छे योगों और संभावित सामंजस्य के माध्यम से, कुंडली मिलान आत्मिक संबंध को भी मजबूत बनाने में मदद करता है। यह पार्टनर्स के बीच विशेष रूप से विश्वास और समर्थन के आधार को स्थापित करता है।
इस प्रकार, भारतीय विवाहों में ज्योतिष की भूमिका, खासकर कुंडली मिलान के माध्यम से, एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जो पार्टनर्स के बीच संबंधों को स्थापित करने और मजबूत करने में मदद करती है।