भारतीय ज्योतिष विज्ञान ने हमें समय के साथ मौसम के परिवर्तनों के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस विज्ञान में, ग्रहों की स्थिति और उनके संयोग का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों की चाल के आधार पर मौसम के विभिन्न पहलुओं की भविष्यवाणी की जाती है। इस प्रक्रिया में चंद्रमा, सूर्य, बृहस्पति, और शनि जैसे ग्रहों की स्थिति का विशेष महत्व होता है, जिनके संयोग से विभिन्न प्राकृतिक प्रक्रियाएं और मौसम के परिवर्तन होते हैं।
भारतीय ज्योतिषीय ग्रंथों में मौसम के पट्टर्न की भविष्यवाणी करने के लिए विशेष योगियों ने अपने अनुभवों और अद्वितीय तरीकों का उपयोग किया है। ये अनुमान हमें वर्षा, शीतलता, गर्मी और वायुमंडलीय प्रभावों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, ये ज्ञान हमें मौसम से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों को समझने और उनके लिए तैयारी करने में भी मदद करता है।
इस तरह से, महान भारतीय ज्योतिष विज्ञान ने मौसम के पूर्वानुमान में एक महत्वपूर्ण साधन प्रदान किया है जो हमें विभिन्न प्राकृतिक प्रक्रियाओं को समझने और समय रहते इसके लिए तैयार होने में मदद करता है।